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शुक्रवार, 8 जनवरी 2010

अब कभी डायबिटीज को मत कोसना

अब कभी डायबिटीज को मत कोसना। भगवान हर मर्ज का इलाज पहले कर देता है। चीनी पेट्रोल की कीमत पर हुई तो क्या, डायबिटीज रोगियों की संख्या भी तो बढ़ रही है। रोजाना आप निखालिस चीनी की चाय पीओ पर घर आने वाले मेहमान को दो दाने चीनी डालकर ही चाय पिलाना। चाय की चुस्की के साथ एक लेक्चर भी दे सकते हैं। अरे भाई यह डायबिटीज भी बला की बीमारी है। छोटे-छोटे बच्चों को भी हो जाती है। डायबिटीज से किडनी फेल हो जाती है। डाक्टर कहते हैं बचपन से ही चीनी कम लेनी चाहिए। हो सकता है दूसरी बार मेहमान जब आये तो खुद ही फीकी चाय की कह दे।
वैसे लोग खामखां, चीनी को कोस रहे हैं। अरे यह कहिये महंगाई कम हुई है। बुजुर्गों ने कहा है बड़ी लाइन को छोटा करने के लिए छोटी लाइन को बढ़ाना चाहिए। अरहर की दाल 30 से नब्बे हुई तो लोग कहने लगे एक किलो अरहर खरीदने से अच्छा चार किलो चीनी ले आओ। अब कहो चार किलो चीनी ले आये। पहले भी दो किलो आती थी अब फिर दो किलो चीनी ही आयेगी। भाई मेरे जब गुड़ छलांग लगा रहा था तो कोई नहीं बोला। अब फिर सामाजिक समरसता स्थापित हो रही है। चीनी महंगी बिकेगी और गुड़ सस्ता। अरे, फिर गुड़ खाने वालों को सेकण्ड क्लास कैसे कहेंगे। आप चिन्ता मत करिये। अब शादी-ब्याह में एक औ स्टाल लगेगी। शुद्ध चीनी की। जाइये और जमकर फंकी मारिये। दो चार महीने का कोटा पूरा कर लीजिये।
अजी हर महंगाई बुरी नहीं होती। सबसे पहला फायदा तो ये होगा कि देश में डायबिटीज कंट्रोल प्लान खुद ही लागू हो जाएगा। दूसरा फायदा होगा मलावट नहीं होगी। गली मोहल्ले के हलवाई खोआ बचाने के लिये मिठाई में चीनी भर देते थे, अब नहीं डालेंगे। मतलब शुद्धता बढ़ेगी। बताइये, जिस महंगाई से लाभ हो वह देश हित में ही होगी। देश हित में अपना भी हित है। हां, कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। परचून वालों को सावधान रहना होगा। अब हो सकता है कोई शटर काटकर दस किलो चीनी चोरी कर ले जाए। कहीं से 25-30 किलो चीनी चोरी हुई तो समझो डीवीडी की कीमत के बराबर चोरी। अगर दस बोरी चोरी हो गयीं तो मानो मोटर साइकिल चोरी हो गयी। अरे हिसाब क्या लगाने लगे, भैये हर साल एक-आध डीवीडी तो हलक के नीचे उतार ही रहे हो। नहीं समझे, भैया घर पर पांच साल चीनी नहीं लाओगे तो फ्रिज तो खरीद ही लोगे।
खैर, मेरा काम था सुझाव देना सो दे दिया। आप घर लुटाना चाहते हो तो लोगों को खूब मीठी चाय पिलाना। हां, अपना एडरस जरा इधर भी भिजवा देना। कभी मिलेंगे, आपके घऱ पर। हमारे यहां आओ तो फीकी चाय के साथ मुफ्त लेक्चर मिलेगा। मीठी चाय पीने का एक और आसान तरीका बताऊं। किसी को बताना मत। नेताओं और अधिकारियों से सम्बंध बढ़ा लो। वहां तो सौ रुपये किलो चीनी बिकेगी तो भी फर्क नहीं पड़ेगा। इधर चीनी, दाल महंगी उधर कमीशन बढ़ा।
पंकुल

2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सटीक..कुछ तो फायदा है..यूं भी डायबटीज के मरीज बढ़ ही रहे थे.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बढ़िया व्यंग्य!