pankul

pankul

ये तो देखें

कुल पेज दृश्य

शुक्रवार, 5 मई 2017

बड़े खाइये, देशप्रेमी हो जाइए

एक बात पूछूं। बड़े अच्छे लगते हैं। अजी वही बड़े जो दही में डूबे रहते हैं। क्या लजीज आइटम है। ठंडे-ठंडे, सौंठ और दही पड़े ये बड़े क्या भाते हैं। बड़े तो जलजीरे में पड़े हुए भी अच्छे लगते हैं। छोटे-छोटे। क्या चटपटा स्वाद होता है। चटकारे लेते हुए पीने का मजा ही कुछ और है। वैसे छोटे हों या बड़े सभी को दही-बड़े, जलजीरे बड़े अच्छे लगते हैं। पर आप से पूछ रहा हूं, अच्छे लगते हैं या नहीं। अजी अच्छे लगते हैं तो कोई बात नहीं, बुरे लगते हैं तो आपको फिर सोचना होगा। बड़े तो बड़े हैं। बड़े दिल वाले हैं। इन्हें पसंद करना अति आवश्यक है। अगर बड़े आप पसंद नहीं करते तो आप देश भक्त नहीं हो सकते। आखिर जिस बड़े को सब लोग पसंद करते हैं आप देश द्रोही की तरह नापसंद करें, ये अच्छी बात नहीं। आप कह सकते हैं कि ये तो कोई तालमेल नहीं हुआ। कहां दही बड़े और कहां देश भक्ति। भाई तालमेल तो बहुत सी चीजों में नहीं होता। अब अगर सेविंग क्रीम के विज्ञापन में महिलाएं आ सकती हैं। जेंट्स कपड़ों का विज्ञापन लड़कियां करें तो आप दीदे फाड़-फाड़ कर देखें। अगर हम दही बड़े को देश प्रेम से जोड़ें तो वेबकूफ समझो। तालमेल तो इसका भी नहीं को लोग वोट मांगे और बात करें तीन तलाक की। चुनावी भाषण दें और बात करें पाकिस्तान की। अजी जब सब अपनी मर्जी से तालमेल बैठा सकते हैं तो मैं भी दही-बड़े को देश प्रेम से जो़ड़ सकता हूं। चलिए दही-बड़े खाइये।

कोई टिप्पणी नहीं: