राज भाई, यों ही लगे रहना। किसी से डरने की जरूरत नहीं। आखिर किसकी मजाल जो तुम्हारी बिना बाल की मूंछ टेड़ी कर सके। राजेश खन्ना का गाना नहीं सुना, कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। छोड़ो बेकार की बातों में, बीत न जाए रैना। तुम तो पुरानी कहावत के सहारे ही जीना। यानि सुनो सबकी और करो मनकी। अरे भाया तुम्हें कौन महाराष्ट्र के बाहर राजनीति करनी है। जितनी सीटें मिलेंगी, महाराष्ट्र में ही मिलेंगी। कुछ नहीं तो कम से कम दस-पांच हजार वोट तो बढ़ेंगे ही। ये चिन्ता उन्हें करने दो जो राष्ट्रीय दुकान चला रहे हैं। तुम्हारी ठेठ महाराष्ट्री दुकान है वही माल बेचो जो बिके। अब गंजों के शहर में कोई कंघे तो बेचेगा नहीं।
राज भाई, अभी तक तो बाहर के आदमियों को मार-मार कर निकाला है। अब सबसे पहले बाहर की भैंसों को लात मारकर निकाल देना। सभी भैंसों का डीएनए टेस्ट करा लेना। किसी के दादा-परदादा भी यूपी., बिहार के निकल आयें तो डंडे सहित बाहर का रास्ता दिखा देना। अपने ब्लड का भी एक बार टेस्ट तो करा ही डालना। पता नहीं कब रेस्ट आफ इंडिया की गाय-भैंस का दूध पी लिया हो। जाने-अनजाने किसी टाफी, चाकलेट में ही बाहर का दूध अंदर चला गया हो। बड़ी दिक्कत हो जाएगी। एक काम और जरूर करना, जितनी भी परचून की दुकान हैं उनमें रके सामान को भी चेक कर लेना। बाहर का बना हो तो आग लगा डालना। अरे कम से कम यूपी और बिहार की दाल, आटा, चावल, मेवा, मिश्री मत खाना। भैया कन्हैया जी को भी मत याद करना, वह भी बेचारे यूपी के ही थे।
अपने घर की छत, दीवार और ईंटों को खुदवाकर एक बार जरूर देख लेना। कहीं उसमें यूपी, बिहारी या बिलासपुरी मजदूर के पसीने की दुर्गन्ध तो नहीं आ रही। अपने चेलों का भी डीएनए जरूर करा लेना, कहीं उनके मां-बाप तो उत्तर प्रदेश, बिहार के नहीं थे। तुम्हें कमस है पूरे महाराष्ट्र में बाहर की कोई निशानी मत छोड़ना। कभी उस ट्रेन में मत बैठना जो इधर से होकर जाती हो। इतना तो देख ही लेना, कहीं उसका ड्राइवर तो बिहारी नहीं है। प्लेन में बैठो तो आस-पास बिहारी को देखते ही ऊपर से कूद जाना। अबकी जब क्रिकेट टीम का कोई खिलाड़ी रन बनाये तो ताली बजाने से पहले उसका प्रदेश जरूर पता कर लेना। तुम्हें कसम है, राज भाई। भूल से अगर इधर की मिट्टी भी मिल जाए तो उसे इधर ही भिजवा देना। कोई बात नहीं, अगर कुछ दिन जेल में भी रहना पड़े तो कोई बात नहीं, ये सब लोग तो तुम्हारी तरक्की से जलने वाले हैं। बेस्ट आफ लक। जिन्दगी भर एक दड़बे में ही रहना।
पंकुल
pankul
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9 टिप्पणियां:
theek kaha
ठीक कहा आपने, ज़रूरत है इस ज्ञान को राज के बहरे कानों तक पहुंचाने की.
बिल्कुल सही कहा आपने ! शुभकामनाएं !
betuki kam se kam ..tuk me to hai..aabhaar
ये सब सस्ती राजनीति का खेल है.. वरना कौन उत्तर भारतीय और कौन मराठी
जय हो क्षेत्रवाद की.
सही कहा भइये, और हाँ, छत्रपति शिवाजी की लाज का ठेका भी तो इन्हें ही मिला हुआ है।
गीता-ओ-कुरान जला दो, बाइबल का करो प्रतिवाद,
आओ मिल कर लिखें हम एक महाराष्ट्रवाद.
bahot sahi kaha aapne saab.. bartaman ki sthiti yahi hai hame isse dur hoke hi sonchana chahiye..
aapko sadhuwad...
arsh
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